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लेखनी कहानी -04-Mar-2024

तेरी रौनक एक तरफ है सारा गुलशन एक तरफ। सारे मंजर एक तरफ है तेरा यौवन एक तरफ। ❤️ चारों तरफ से घेर लिया है अब तो जि़म्मेदारी ने। सारा जीवन एक तरफ है लेकिन बचपन एक तरफ। ❤️ पाई पाई खूब जुटाए लेकिन अब एहसास हुआ। प्यार का लम्हा एक तरफ है सारा जीवन एक तरफ। ❤️ सारे प्यार की सीमा है,सबकी अद्भुत मर्यादा है। प्यार सभी वंदनीय लेकिन मां का वंदन एक तरफ। ❤️ प्यार का तेरे हर एक लम्हा,लगता मुझे नशीला है। सारे दुख सुख एक तरफ,तेरा आलिंगन एक तरफ। ❤️ उसकी शोखी,सभी अदाएं मुझको भोली लगती है। "सगीर" सिमट कर आलिंगन में उसका चुम्बन एक तरफ।

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5 Comments

Varsha_Upadhyay

14-Mar-2024 07:16 PM

Nice

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HARSHADA GOSAVI

09-Mar-2024 01:29 PM

👌👌👌

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Mohammed urooj khan

06-Mar-2024 12:39 PM

👌🏾👌🏾👌🏾

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